फर्जी मजिस्ट्रेट बनकर, नौकरी दिलाने के नाम पर ठगे 14 लाख, पुलिस ने दिखा दी हवालात…

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आजमगढ़; खुद को मजिस्ट्रेट बताकर नौकरी दिलाने के नाम पर 14 लाख की ठगी करने वाले जालसाज जियाउल इस्लाम सिद्दीकी को पुलिस ने रविवार रात गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से मजिस्ट्रेट की फर्जी नेम प्लेट लगी कार, दो फर्जी परिचय पत्र, आधार कार्ड, 95,000 रुपये और तीन मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। आजमगढ़ के पठानटोली निवासी कासिफ ने बीते शनिवार को सीतापुर जिले के लहरपुर तहसील के धकेरा गांव के जियाउल इस्लाम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार जियाउल मजिस्ट्रेट की फर्जी नेम प्लेट लगी कार इस्तेमाल करता है।

नौकरी दिलाने का दिया झांसा

आरोपित ने उसके मित्र जाहिद उर्फ गोलू को 15 लाख रुपये में लखनऊ सचिवालय में समीक्षा अधिकारी की नौकरी दिलाने का झांसा दिया। जाहिद ने 14 लाख रुपये दे दिए लेकिन न तो नौकरी लगी और न ही पैसे वापस मिल रहे हैं।

पुलिस के कहने पर जाहिद ने एक लाख रुपये देने के लिए जियाउल को रविवार रात सिधारी के हाइडिल चौराहे पर बुलाया। जियाउल के वहां पहुंचते ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

सिधारी थाने के एसओ योगेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि आरोपित की 2001 में संविदा पर समीक्षा अधिकारी के पद पर लखनऊ सचिवालय में नियुक्ति हुई थी। 2015 में नौकरी से निकाल दिया गया तो उसने मजिस्ट्रेट का फर्जी परिचय पत्र बनवा लिया और कार पर मजिस्ट्रेट लिखवा कर चलने लगा। वह मजिस्ट्रेट होने की धौंस देकर लोगों से पैसा वसूलने लगा और नौकरी दिलाने के नाम पर ठगने लगा।

जियाउल का तलाक हो चुका है और उसकी 12 वर्ष की बेटी है। उसने शादी डाट काम पर अपनी शादी के लिए विज्ञापन दिया था। अपनी बहन के लिए रिश्ता ढूंढ रहे कासिफ से उसकी शादी के सिलसिले में बातचीत हुई थी। उसने कासिफ को भी नौकरी दिलाने का झांसा दिया। कासिफ ने पैसे न होने की बात कही, लेकिन इसका जिक्र जाहिद से किया तो वह तैयार हो गया।

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