अलविदा 2022: शुरू हुआ 23 का आगाज, धामी के नाम रहा बीता साल, फैसले लिए गए बेमिसाल…पढ़ें धामी सरकार के 7 धाकड़ फैसले…  

खबर उत्तराखंड

देहरादून: यूं तो उत्तराखंड मे धामी सरकार पार्ट-02 लगातार तरक्की के नए आयाम स्थापित कर रही है और सूबे के मुखिया धाकड़ धामी ने 2022 मे तमाम ऐसे जनहित के निर्णय लिए जिससे लोग ये तक कहने लगे की धामी है तो मुमकिन है उत्तराखंड साल 2022 धामी पार्ट-02 के रूप में धामी सरकार को कई फैसलों के लिए वाहवाही मिली. 2022 मे सरकार ने कुछ ऐसे फैसले भी लिए जिन फैसलों पर विपक्ष ने भी धामी के साथ हामी भरी और जनता ने सराहना तो की ही साथ ही धामी का शुक्रिया भी अदा किया लेकिन कुछ फैसले ऐसे भी रहे जिन पर विपक्ष हमलावर रहा आइये जानते हैं धामी सरकार के कुछ बड़े फैसले जिनकी चर्चा प्रदेश के अलावा देश मे भी हुई और सुर्खियों मे रहे।

धामी सरकार पार्ट 2 मे लिए गए धाकड़ फैसले

1-यूनिफार्म सिविल कोड

समान नागरिक संहिता कानून यानि (यूनिफार्म सिविल कोड) लागू करने की दिशा में उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने की तरफ कदम बड़ा रहा है। सीएम धामी ने चुनाव जीतते ही सबसे पहले चुनाव के दौरान किए गए वादे को पूरा का यूनिफार्म सिविल कोड को लागू करने का ऐलान किया और ड्राफ्ट तैयार होते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।

2-यूपी से भी सख्त धर्मांतरण कानून

उत्तराखंड की धामी सरकार यूपी से भी सख्त धर्मांतरण कानून लाई है। जो कि दूसरे राज्यों से सख्त कानून बनाने की दिशा में सरकार का कदम है।  ” विधानसभा द्वारा पारित ‘उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक’ को राजभवन से मंजूरी मिल चुकी है”  अब प्रदेश मे जबरन धर्म परिवर्तन के दोषियों को 50 हजार रुपये तक का जुर्माना और 3 साल से लेकर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।

3-नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण

आधी आबादी को बड़ी सौगात देते हुए धामी सरकार ने राज्य सरकार की नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने जा रही है। जो कि ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। विधानसभा में इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित होने के बाद अब इसे राजभवन भेजा गया है महिला अभ्यर्थियों को राज्य सरकार की नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का कानूनी अधिकार बहुत जल्द मिलने वाला है।

4-भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड के लिए 1064 एप्लीकेशन की शुरुआत

उत्तराखंड में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने “भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड” एप – 1064  का शुभारंभ किया। आपको बता दें कि 1064 नंबर पर एप के माध्यम से एवं फोन से कोई भी व्यक्ति शिकायत कर सकता है. एप के माध्यम से प्रत्येक शिकायत रजिस्टर होगी. जिसका पूरा डाटा सुरक्षित रखा जायेगा. शिकायतकर्ता की गोपनीयता का ध्यान रखा जाएगा. ये एप हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में है.

5-युवाओं के लिए खोला नौकरी का पिटारा

धामी सरकार ने अपने वादे को पूरा करते हुए युवाओं के लिए भर्तियाँ निकालीं आपको बता दें उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के मुताबिक जल्द ही कई विभागों में 5,700 से अधिक पदों पर भर्तियां निकलने वाली हैं और आयोग होने वाली 32 भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर भी जारी कर चुका है । इनमें उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग UKSSSC से मिलीं 15 भर्तियां भी शामिल की गई हैं।

6-उत्तराखंड बना देश में नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य

उत्तराखंड देश में नई शिक्षा नीति सबसे पहले लागू करने वाला राज्य बन गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने उत्तराखंड में उच्च शिक्षा में शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का शुभारंभ किया था। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों को 03 साल से फॉर्मल एजुकेशन से जोड़ा जा रहा है।

7-वृद्धावस्था, विधवा, दिव्यांगजन पेंशन में बढ़ोत्तरी

धामी सरकार ने युवाओं के साथ ही बुज़ुर्गों विधवाओं और दिव्यांगो का भी दिल जीत लिया राज्य में वृद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत अब पति और पत्नी दोनों को लाभ मिलेगा। सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और दिव्यांगों को मिलने वाली पेंशन मे बढ़ोतरी की।

जाहिर है राज्य में सरकार गठन के बाद पहला साल राज्य सरकार के लिए कुछ बड़े फैसले लेने वाला होता है. ताकि जनता के बीच अपने वायदों को पूरा करने का संदेश दिया जा सके. और उत्तराखंड सरकार ने इसे पूरा कर दिखाया है। फिलहाल धाकड़ धामी मिशन 2025 मे लगे हैं सीएम का टार्गेट पीएम मोदी के सपनों को साकार करके उत्तरखंड को 2025 तक देश के अग्रणी राज्यों मे शुमार करना है जिसकी मेहनत जारी है धामी सरकार ने राज्य के कुछ चर्चित मामलों पर विजिलेंस जांच के जरिए भी लोगों को संदेश देने की कोशिश की और ये संदेश दिया की प्रदेश मे भरष्टाचार और अपराध के साथ भर्श्टचारी और अपराधी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा चाहे वो किसी भी पार्टी संगठन से क्यों न जुड़ा हो. अपराध और अपराधी की खैर नहीं। प्रदेश में ऐसे कई सारे निर्णय और योजनाएं रहीं, जो इस साल महत्वपूर्ण मानी जा सकती हैं.

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