केंद्र सरकार ने बनाया नया प्लान… अब सस्ते रेट पर बिकेगा आटा, उठाए गए हैं ये कदम

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नई दिल्ली : देश में गेहूं की बढ़ती कीमतों से केंद्र सरकार टेंशन में हैं. गेहूं की कीमत जहां 30 रुपये के इर्द गिर्द होनी चाहिए. वहीं कई राज्यों में गेहूं के भाव 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं. मंडी में गेहूं 5000 रुपये किलो तक खरीदा गया है. गेहूं की कीमत में आए इतने उछाल से आम आदमी की रसोई का बजट बिल्कुल गड़बड़ा गया है. इन्हीं दरों को कम करने को लेकर केंद्र सरकार के स्तर से लगातार कवायद जारी है. केंद्र सरकार ने गेहूं का बड़ा अमाउंट बाजार में उतारा है. इससे उम्मीद है कि आमजन को राहत मिलेगी और केंद्र सरकार के माथे से भी चिंता की लकीरें छटेंगी.

आज से सस्ती दरों पर बिकेगा आटा
केंद्र सरकार ने 6 फरवरी से सस्ती दरों पर आटा बेचना की घोषणा की है. आज 6 फरवरी ही है. केंद्र सरकार के निर्देश अनुसार, केंद्रीय भंडार और नाफेड जैसी सहकारी समितियां 29.5 रुपये प्रति किलोग्राम आटा बेच सकेंगी. नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया 6 फरवरी से कम कीमत पर आटे को बेचना शुरू कर देंगी. सरकारी आउटलेट पर आसानी से 29.5 रुपये की कीमत पर आटा आम कंज्यूमर को मिल जाएगा. अधिक दर पर आटा बेचने पर इसकी शिकायत की जा सकती है.

हर बुधवार को होगी ई-नीलामी
केंद्र सरकार की एजेंसी एफसीआई ने तय किया है कि देश में गेहूं और आटे की कीमत नियंत्रण में लाने के लिए हर बुधवार को विभिन्न राज्यों में गेहूं की ई-नीलामी की जाएगी. इस बुधवार को भी ई-नीलामी होनी है. एफसीआई ने आटे की कीमतों को नियंत्रण में लाने के लिए 30 लाख टन गेहूं बाजार में उतारा है. इसका बड़ा असर बाजार में देखने को मिल सकता है.

पहले सप्ताह बेचा 9.2 लाख मीट्रिक टन गेहूं
गुजरे बुधवार को भी देश के कई राज्यों में गेहूं की नीलामी की गई. केंद्र सरकार के स्तर से गेहूं बेचने की जिम्मेदारी भारतीय खाद्य निगम एफसीआई को दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, एफसीआई की ओर से की गई गेहूं की नीलामी में 1150 से अधिक बिडर्स ने भाग लिया. देश भर में करीब 9.2 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचा गया. जल्द ही शेष गेहूं की नीलामी भी एफसीआई के स्तर से कर दी जाएगी.

25 में से 22 लाख मीट्रिक टन की हो सकेगी बिक्री
केंद्र सरकार की कोशिश है कि देश में गेहूं की घरेलू खपत का नियंत्रण बना रहे. जैसे ही खपत कम होती है औैर गेहूं की मांग बढ़ती है. ऐसे ही कीमतों में उछाल होना शुरू हो जाता है. गेहूं का असर आटे पर आता है तो आम लोगों की रसोई का बजट डगमगा जाता है. इसी को देखते हुए एफसीआई ने ई-नीलामी से 25 लाख मीट्रिक टन में से 22 लाख मीट्रिक टन गेहूं की पेशकश की है. वहीं कुल 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं बाजार में उतारा जाएगा. इसमें से 2 लाख मीट्रिक टन गेहूं राज्यों को दिया जाएगा, जबकि 3 लाख मीट्रिक टन केंद्रीय भंडार और नोफेड के जरिए आपूर्ति होगा.   खुद अमित शाह के नेतृत्व में मौजूद कमेटी इसकी मॉनीटरिंग कर रही है.

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