एक लाख लिया कर्ज, बेचा मंगलसूत्र, पति को मारने के लिए पत्नी ने बेटे के साथ मिलकर जुटाये रुपए, जानिए वजह…

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भरतपुर: राजस्थान के भरतपुर जिले में एक लालची बेटे और उसकी मां ने चौंकाने वाली वारदात को अंजाम दिया है. मिली जानकारी के मुताबिक शहर के उद्योग नगर थाना क्षेत्र के अजान गांव में एक बेटे और उसकी मां ने पिता के मर्डर की सुपारी दी और वारदात को अंजाम देने के लिए 1 लाख का कर्ज लिया. वहीं पिता को मौत के घाट उतारने के लिए मां ने अपने बेटे को 10 हजार रुपए दिए. वहीं बेटे ने 20 हजार रुपए का इंतजाम अपनी पत्नी का मंगलसूत्र बेचकर कियाच. बताया जा रहा है कि मृतक का बेटा जमीन बेचना चाहता था जहां उसके पिता खिलाफ थे और मृतक की पत्नी का काफी समय से अफेयर चल रहा है जिसके बाद वह अपने पति की हत्या करने के लिए बेटे की साजिश में शामिल हो गई. बता दें कि मामला भरतपुर के उद्योगनगर थाना इलाके का है.

दरअसल 15 फरवरी की सुबह नहर के किनारे एक शख्स की लाश मिली थी जिसमें पुलिस जांच कर रही थी. अब पुलिस ने सोमवार को मामले का खुलासा करते हुए हत्या के आरोप में मृतक नाथूराम जाट की पत्नी रनिया (35), बेटे दीपक (22) और पत्नी के प्रेमी सुखबीर उर्फ सुक्खी को अजान गांव से गिरफ्तार कर लिया है. सुखबीर महिला की बहन का देवर है जिससे उसका अफेयर चल रहा था और इस अवैध संबंध में पति नाथूराम अड़चन बना हुआ था.

मृतक की दूसरी पत्नी है आरोपी महिला

घटना को लेकर थाना इंचार्ज महेंद्र राठी ने कहा कि अवैध संबंधों के अलावा नाथूराम का बेटा दीपक भी चिढ़ा हुआ था क्योंकि वह जमीन बेचना चाहता था और पिता नाथूराम उसके खिलाफ थे. ऐसे में तीनों आरोपियों ने मिलकर हत्या की साजिश रची और हत्या की सुपारी सुखबीर ने लेकर नाथूराम की हत्या कर दी. वहीं पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि रनिया मृतक नाथूराम की दूसरी पत्नी है, जिसके इसी गांव के निवासी बहन के देवर सुखबीर उर्फ सुक्खी के साथ नाजायज संबंध थे. इसके अलावा मृतक के बेटे दीपक के ऊपर काफी कर्ज था जो उतारने के लिए वह जमीन बेचना चाहता था. पुलिस के मुताबिक 15 फरवरी को नाथूराम के बेटे दीपक ने पुलिस को सूचना दी कि उसके पिता का शव अजान गांव में नहर के किनारे पड़ा है जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम करवाया.

मां के प्रेमी को दी सुपारी

वहीं घटना के बाद दीपक ने अपने पिता की हत्या का शक किसी अनजान व्यक्ति पर जताया जिसकी पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि नाथूराम की दूसरी पत्नी रनिया का बहन के देवर से संबंध हैं और दीपक पर काफी कर्ज है जिसको चुकाने के लिए वह जमीन बेचना चाहता था. मां और बेटे दोनों के लिए नाथूराम परेशानी का कारण बन रहा था जिसके बाद रनिया, सुखबीर और दीपक ने मिलकर उसकी हत्या करने की साजिश रची और सुखबीर को 2 लाख रुपए में सुपारी दी.

पुलिस को पता चला है कि दीपक ने सुपारी देने के लिए 1 लाख रुपए का कर्ज लिया और 20 हजार में अपनी पत्नी का मंगलसूत्र बेचा और 10 हजार रुपए अपनी मां रनिया से लिए. वहीं बाकी के 70 हजार मर्डर के बाद जमीन बेचकर चुकाने का तय हुआ. इसके बाद 14 फरवरी को सुखबीर नाथूराम को खेत पर ले गया जहां नहर किनारे उसका गला दबाकर हत्या कर दी.

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