आबकारी नीति के मामले में, हाईकोर्ट ने लगाई राज्य सरकार के नए प्रस्ताव पर मुहर

खबर उत्तराखंड

नैनीताल: हाई कोर्ट ने प्रदेश की आबकारी नीति के मामले में राज्य सरकार के नए प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। नए प्रस्ताव के अंतर्गत अब 15 प्रतिशत राजस्व बढ़ने के बाद रिक्त दुकानों की लॉटरी की औपचारिकता अब अनुज्ञापी पांच अप्रैल तक कर सकेंगे। कोर्ट ने आबकारी नीति को चुनौती देती याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया। कोर्ट के आदेश से सरकार को बड़ी राहत मिली है।

शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने मामले को आज ही सुनवाई के लिए अनुरोध किया। साथ ही बताया कि दुकानों के आवंटन अब पांच अप्रैल तक विस्तारित कर दिया गया है। शनिवार को आबकारी विभाग की ओर से विज्ञापन जारी होगा। इससे पहले कोर्ट ने सरकार से मामले में 10 अप्रैल तक जवाब पेश करने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई को 13 अप्रैल की तिथि नियत की थी। जिससे शुक्रवार 31 अपैल को तय निलामी नहीं हो सकी थी।

पिरूमदारा रामनगर निवासी विकास चन्द्र ने याचिक दायर कर कहा है कि सरकार ने 22 मार्च को नई आबकारी नीति घोषित की है। जिसे पहली अप्रैल से लागू होना है। 25 मार्च सरकार ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पुराने लाइसेंस धारी 29 मार्च तक अपने दुकानों का रिनुअल करा लें इसके बाद जिन दुकानों का रिनुअल नहीं होता, उनकी लॉटरी के माध्यम से नीलामी 31 मार्च को होगी।

याचिका में यह भी कहा गया कि आबकारी नीति के क्लॉज 5.3 व 6.3 देशी व अंग्रेजी शराब के लिए अलग-अलग नीति है। देशी शराब के लिए प्रति बोतल 270 रुपये गांरटी ड्यूटी तय की गई जबकि अंग्रेजी शराब के लिए अभी तक यह तय नहीं हुआ है, किस आधार पर दुकानों का रिनुअल करें। सरकार ने उन्हें रिनुअल का समय भी कम दिया है। दुकानों के लॉटरी सिस्टम से आवंटन का समय भी कम दिया। 29 को रिनुअल 30 को अवकाश 31 दुकानों का लॉटरी से आवंटन है। सरकार ने उन्हें एक दिन का समय तक नहीं दिया। खुद सरकार ने अभी रेट तक तय नही किए, इसलिए इस पर रोक लगाई जाए।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *