रिसर्च मे खुलासा, इंसानों के पीने लायक नहीं ! भैंस का मूत्र गाय से काफी बेहतर…पढ़ें पूरी खबर

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नई दिल्ली: पिछले कई सालों में गौमूत्र को लेकर चर्चा होती रही है। आयुर्वेद में गौमूत्र को कई बीमारियों से बचने का उपाय बताया गया है। यहां तक कि कैंसर की बीमारी में इससे इलाज करने की बात कही गई है। ऐसे में इंडियन वेटेरिनरी रिसर्च इंस्टिट्यूट (Indian Veterinary Research Institute) का एक शोध सामने आया है जिसमें बताया गया है कि कैसे गौमूत्र पीना आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है। इतना ही नहीं इस शोध में ये भी बताया गया है कि भैंस का पेशाब, गाय के पेशाब की तुलना में बेहतर है। तो, आइए पहले जान लेते हैं गौमूत्र पीने के नुकसान।

गौमूत्र को लेकर क्या कहती है ये रिसर्च

गौमूत्र को लेकर इस रिसर्च में बहुत कुछ बताया गया है। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के इज्जतनगर में भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) में कुछ छात्रों ने मिलकर गौमूत्र को लेकर एक रिसर्च किया है। इसमें बताया है कि गौमूत्र में 14 तरह के बैक्टीरिया होते हैं और इनमें से अधिकतर ई-कोलाई (Escherichia coli) बैक्टीरिया हैं।

इंसानों के लिए नुकसानदेह होता है ई-कोलाई (Escherichia coli) बैक्टीरिया

ई-कोलाई (Escherichia coli) इंसानों के पेट में इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं और गंभीर रूप से बीमार कर सकते हैं। इस रिसर्च के लिए 73 गाय और भैंस के यूरिन को लिया गया थै। इसमें गायों की कई प्रजातियां जैसे कि साहीवाल, थारपारकर और विंदावी को शामिल किया गया था। इनमें मूत्र में कई प्रकार के बैक्टीरिया पाए गए जो कि बेहद नुकसानदेह हो सकते हैं। इतना ही नहीं रिसर्च में यह भी बताया गया है कि गाय के पेशाब से ज्यादा भैंस का पेशाब फायदेमंद है। भैंस के पेशाब में S Epidermidis और E Rhapontici जैसे ज्यादा प्रभावी बैक्टिया हैं जो कि सेहत के लिहाज से फायदेमंद हो सकते हैं।

भैंस का मूत्र गायों से काफी बेहतर

पीयर-रिव्यू किए गए शोध के निष्कर्ष ऑनलाइन रिसर्च वेबसाइट रिसर्चगेट में प्रकाशित किए गए हैं। संस्थान में महामारी विज्ञान विभाग के प्रमुख सिंह ने टीओआई को बताया, “गाय, भैंस और मनुष्यों के मूत्र के 73 नमूनों के सांख्यिकीय विश्लेषण से पता चलता है कि भैंस के मूत्र में जीवाणुरोधी गतिविधि गायों की तुलना में कहीं अधिक बेहतर है। भैंस के मूत्र में एस एपिडर्मिडिस और ई रैपोंटिसी जैसे बैक्टीरिया पर काफी अधिक प्रभाव है।”

किस नस्ल की गाय पर हुई रिसर्च

संस्थान में महामारी विज्ञान विभाग के प्रमुख सिंह ने कहा, ‘किसी भी मामले में मानव उपभोग के लिए मूत्र की सिफारिश नहीं की जा सकती’ उन्होंने कहा, “हमने स्थानीय डेयरी फार्मों से तीन प्रकार की गायों – साहीवाल, थारपारकर और विंदावानी (क्रॉस ब्रीड) के मूत्र के नमूने एकत्र किए। साथ ही भैंस और मनुष्यों के नमूने भी लिए। जून और नवंबर 2022 के बीच किए गए हमारे अध्ययन ने निष्कर्ष निकाला कि स्पष्ट रूप से स्वस्थ व्यक्तियों के मूत्र के नमूनों का एक बड़ा अनुपात संभावित रोगजनक बैक्टीरिया ले जाता है।

By हिन्दुस्तान & इंडिया टीवी via Dailyhunt 

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