केजरीवाल को मिला नीतीश-सिब्बल का साथ, खरगे ने केजरीवाल से फोन पर की  विपक्षी एकता पर बात…

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नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अरविंद केजरीवाल से शनिवार को फोन कर बात की। खरगे ने बातचीत में 2024 लोकसभा चुनाव से भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के एकजुट होने की आवश्यकता पर जोर दिया। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने आबकारी नीति मामले में सीबीआई के समक्ष रविवार को पेशी के मुद्दे पर केजरीवाल के साथ पार्टी की एकजुटता दिखाई। खरगे के केजरीवाल को फोन किए जाने को भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने की कांग्रेस की मुहिम का हिस्सा माना जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष साझा कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए अगले कुछ दिनों में विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेताओं की बैठक की मेजबानी करेंगे। खरगे विपक्षी एकजुटता को लेकर कई विपक्षी दलों नेताओं से बातचीत कर चुके हैं।

केजरीवाल को मिला नीतीश-सिब्बल का साथ

समन के बाद केजरीवाल को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और निर्दलीय राज्यसभा सांसद व वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल का समर्थन मिला है। नीतीश कुमार ने कहा, केजरीवाल अपने खिलाफ शुरू की गई सभी कार्रवाई का उचित समय पर जवाब देंगे। जनता जानती है कि केजरीवाल ने अपने राज्य में कई विकास कार्य किए हैं। विपक्षी एकजुटता के तहत नीतीश ने बुधवार को दिल्ली में केजरीवाल से मुलाकात की थी। कपिल सिब्बल ने कहा, सत्तारूढ़ दल विपक्ष-मुक्त भारत बनाना चाहता है और अपने खिलाफ खड़े होने वाले नेताओं की छवि को खराब करने की कोशिश कर रहा है।  केंद्र ने झारखंड, छत्तीसगढ़, केरल के मुख्यमंत्रियों और अन्य नेताओं को निशाना बनाया।

राहुल पर केस दर्ज करने की मांग

लंदन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विवादित बयान को देश के खिलाफ अपराध बताते हुए एक वकील ने उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। वकील ने इसको लेकर सब्जी मंडी थाने में 12 अप्रैल को शिकायत दर्ज कराई है। वकील रविंदर गुप्ता ने अपनी शिकायत में कहा है कि राहुल गांधी ने 28 फरवरी को विदेश की धरती पर जो विवादित बयान दिया है, उससे उनके साथ-साथ देश की जनता को काफी ठेस पहुंची है। उनका बयान देश की चुनी हुई सरकार के खिलाफ जघन्य अपराध है।

उन्होंने प्रजातांत्रिक मूल्यों पर हमला कर दूसरे देशों के साथ सामंजस्यपूर्ण संतुलन और पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित करने की कोशिश की है। इस तरह से उन्होंने देशद्रोह का काम किया है। वकील ने इसको लेकर अपने पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के केदार नाथ बनाम पंजाब सरकार वाले एक फैसले को भी उद्धृत किया है।

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