सीएम धामी ने परिवार संग देखी ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म, कहा- राष्ट्र विरोधी दलों के संरक्षण से साजिशकर्ताओं को मिल रहा बल

खबर उत्तराखंड

देहरादूनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पत्नी गीता धामी के साथ ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म को देखने पहुंचे. उनके साथ कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी समेत बीजेपी के तमाम पदाधिकारी भी मौजूद रहे. फिल्म देखने के बाद सीएम धामी ने कहा द केरला स्टोरी एक ऐसी फिल्म है, जिसमें यह दिखाया गया है कि किस तरह से बिना गोली और बम के ही देश में आतंकवाद फैलाया जा रहा है. इस फिल्म में इस तथ्य को भी दिखाया गया है कि किस तरह से बालिकाओं का ब्रेन वॉश कर धर्म परिवर्तन किया जाता है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा यह फिल्म वास्तविकता से रूबरू कराने और धर्मांतरण, आतंकवाद के खिलाफ लोगों को जागरूक करने वाली है. ऐसे में सभी को इस फिल्म को देखना चाहिए. उन्होंने कहा उत्तराखंड में भी तमाम तरीकों से कई जगहों पर धर्मांतरण हो रहा था. यह राज्य के भविष्य के लिए एक गंभीर विषय था. जिसके चलते सरकार ने उत्तराखंड में धर्मांतरण पर पूरी तरह से लगाम लगाने का निर्णय लिया है. जिसके तहत धर्मांतरण पर सख्त कानून बनाया है. जिसके जरिए जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने वाले को 10 साल तक की कठोर सजा का प्रावधान किया गया है.

सीएम धामी ने कहा धर्मांतरण कराने के मामले को दो भागों में बांटा गया है. जिसके तहत एकल धर्मांतरण के लिए सजा कम है, लेकिन सामूहिक धर्मांतरण पर कठोर सजा का प्रावधान किया गया है. सामूहिक धर्मांतरण का मामला सामने आने पर और दोष साबित होने पर उसके खिलाफ 3 से 10 साल की सजा के साथ ही 50 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है. इसके अलावा एक व्यक्ति के धर्मांतरण पर 2 से 7 साल की सजा के साथ ही 25 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा उत्तराखंड की संस्कृति और प्रदेश के मूल स्वरूप बचा रहे, इसके लिए यह जरूरी है कि प्रदेश में धर्मांतरण पर पूरी तरह से लगाम लगे. जिस दिशा में राज्य सरकार ने बड़ा कदम बढ़ाया है.

वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा प्रदेश में धर्मांतरण पर लगाम लगाने के साथ ही उत्तराखंड के सरकारी भूमि पर हो रहे अतिक्रमण पर लगाम लगाने की दिशा में काम किया जा रहा है. इसके लिए जिन-जिन जगहों पर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हुआ है, उसे चिन्हित कर हटाए जाने की कार्रवाई की जा रही है. ताकि राज्य में होने वाले अवैध अतिक्रमण को पूरी तरह से खत्म किया जा सके. इतना ही नहीं सरकारी संपत्तियों पर अवैध अतिक्रमण किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी.

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