सड़क पर दौड़ते हुए, तेजाब से भरा टैंकर होने लगा लीकेज, देखने वालों के फूल गए हाथ-पैर, चालक झुलसा…जाने कैसे पाया लीकेज पर काबू…

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पूर्णिया: बिहार में पूर्णिया मोड़ एनएच-31 पर पश्चिम बंगाल के दालकोला सीमा के पास एक तेजाब से भरा टैंकर लीकेज हो गया। लीकेज को बंद करने की कोशिश करते हुए चालक भी जख्मी हो गया है। बाद में बिहार और पश्चिम बंगाल की अग्निशमन टीम ने करीब पांच घंटे में इस समस्या पर काबू पाया। इस घटना के कारण एनएच पर कई घंटों तक यातायात बाधित रहा, जिस कारण दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइन लगी रही है। जानकारी के मुताबिक, बिहार से पश्चिम बंगाल की ओर जा रहे तेजाब से भरे टैंकर में बायसी थाना क्षेत्र की सीमा पर पूर्णिया मोड़ के पास लीकेज होने लगा। जब चालक को लीकेज का पता चला तो उसने वाहन को रोक लिया और फिर लीकेज को बंद करने का प्रयास किया, जिस कारण वह खुद भी बुरी तरह झुलस गया। तेजाब को लगातार बहता देख लोगों ने तुरंत इसकी सूचना बायसी अग्निशमन पदाधिकारी गणेश यादव को दी।

सूचना मिलने के बाद अग्निशमन दस्ता मौके पर पहुंचा और पश्चिम बंगाल के अग्निशमन विभाग से भी संपर्क साधा। दोनों टीमों ने मिलकर तकरीबन 5 घंटे के ऑपरेशन के बाद तेजाब की लीकेज को रोका और जो तेजाब बहकर नीचे फैल गया था, उसका असर कम किया। इस बीच, एनएच-31 पर यातायात भी बाधित रहा और दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लगी रही।

चालक ने कैसे लीकेज रोकने की कोशिश की?

अग्निशमन पदाधिकारी गणेश यादव ने बताया कि बायसी थाना पुलिस के साथ पश्चिम बंगाल की पुलिस भी डटी रही। दोनों ने मिलकर पूरे अभियान का सफल बनाया। उन्होंने बताया कि जहां यह घटना घटी थी, वहां आसपास में कई दुकानें भी है। इससे जानमाल का नुकसान भी तय था। उन्होंने बताया कि चालक द्वारा बालू मिट्टी देकर रिसाव पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन उस पर काबू नहीं पाया जा सका।

तेजाब के असर को ऐसे किया खत्म

गणेश यादव के मुताबिक, यह टैंकर झारखंड से सिलीगुड़ी जा रहा था। टैंकर में मौजूद एसिड को गड्ढा खोदकर उसमें पाइप के माध्यम गिराया गया और फिर उसमें पर्याप्त पानी डाला गया। अग्निशमन पदाधिकारी के अनुसार, एसिड के असर को समाप्त करने के लिए उसमें पर्याप्त पानी मिलाना आवश्यक होता है।

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