पिरान कलियर में 755वां सालाना उर्स: पाकिस्तानी जायरीनों को भेंट की गई गीता-गंगाजल और रुद्राक्ष की माला…

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रुड़की: विश्व प्रसिद्ध दरगाह पिरान कलियर में 755वां सालाना उर्स चल रहा है. उर्स में देश विदेश से जायरीन जियारत करने के लिए पहुंच रहे हैं. पाकिस्तान से भी 107 मुस्लिम जायरीन जियारत करने पिरान कलियर आए हैं. जिन्हें उत्तराखंड सरकार ने गीता, गंगाजल और रुद्राक्ष की माला भेंट की है. इतना ही नहीं इन सभी पाकिस्तानी जायरीनों का उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने भगवा शॉल ओढ़ाकर सम्मान भी किया है. वहीं, उत्तराखंड सरकार का यह सम्मान चर्चा का विषय बना हुआ है.

पाकिस्तानी जायरीनों को भेंट की गई गीता-गंगाजल और रुद्राक्ष की माला

बता दें कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने पिरान कलियर में पाकिस्तान से आए 107 सदस्यीय दल का हिंदुस्तान की सरजमीं पर खैरमकदम किया. इससे पहले कड़ी सुरक्षा के बीच 26 सितंबर की सुबह लाहौरी एक्सप्रेस ट्रेन से 107 पाकिस्तानी जायरीनों का दल पिरान कलियर पहुंचा था. ये सभी जायरीन साबिर पाक की दरगाह पर जियारत करने के लिए पहुंचे हैं. जिन्हें उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने सभी को गीता, गंगाजल और रुद्राक्ष की माला भेंट कर सम्मान किया. इस दौरान शादाब शम्स ने कहा कि हमारा देश अतिथि को भगवान मानता है. इसलिए इन सभी पाकिस्तानी जायरीनों का स्वागत किया गया है.

पाकिस्तान के मंदिरों में करेंगे स्थापित

इसके जरिए ये संदेश दिया गया है कि वो भी पाकिस्तान में हिंदुओं का सम्मान करें और गीता, गंगाजल, रुद्राक्ष को वहां के मंदिरों में स्थापित करें. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी जायरीनों ने वादा किया है कि वापस पाकिस्तान जाकर वहां के मंदिरों में इन सबको स्थापित करेंगे और इसका वीडियो भी बनाकर भेजेंगे. वहीं, शादाब शम्स ने कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों का सम्मान देश के 150 करोड़ सनातनी हिंदुओं की तरफ से किया गया है. पीएम मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से इन पाकिस्तानी जायरीनों को यह धार्मिक प्रतीक सौंपे गए हैं.

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