मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक; अब 7 लाख आय पर नहीं देना होगा कोई टैक्स, नए स्लैब को ऐसे समझें

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नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्सधारकों को बड़ी राहत दी है. अब 7 लाख रुपये तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. वित्त मंत्राी निर्मला सीतारमण ने बजट में नया आयकर स्लैब पेश किया है. दरअसल लगातार आयकर में राहत देने की मांग की जा रही थी. यह इस सरकार का अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले आखिरी पूर्ण बजट है.

दरअसल, अभी तक 5 लाख रुपये तक आमदनी पर कोई आयकर नहीं देना पड़ता था. लेकिन अब इस कैप को सरकार ने बढ़ाकर 7 लाख रुपये तक कर दिया है. नई कर व्यवस्था के तहत अब बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 3 लाख रुपये कर दी गई है. अब 6 टैक्स स्लैब की जगह अब 5 टैक्स स्लैब होंगे. न्यू टैक्स रीजीम में 15.5 लाख तक की इनकम पर 52500 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन कर दिया गया है.

बजट 2023-24 पेश किया गया ये नया टैक्स स्लैब है-

0 से तीन लाख पर 0 फीसदी
3 से 6 लाख पर 5 फीसदी
6 से 9 लाख पर 10 फीसदी
9 से 12 लाख पर 15 फीसदी
12 से 15 लाख पर 20 फीसदी
15 से ज्यादा लाख पर 30 फीसदी

इससे पहले साल 2020-21 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते समय, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई रियायती आयकर व्यवस्था की घोषणा की थी, जिसमें कर की कम दरें पेश की गई थीं. नई व्यवस्था के तहत, 0-2.50 लाख रुपये तक की आमदनी पर पूरी तरह से आयकर छूट है. 2.50-5 लाख रुपये तक आय पर 5 फीसदी टैक्स का प्रावधान है. 5 से 7.50 लाख रुपये तक आमदनी वालों को अब 10 फीसदी टैक्स देना होगा, जिनकी आमदनी 7.50 लाख से 10 लाख रुपये तक है, उन्हें अब 15 फीसदी टैक्स होना होगा. 10 से 12.50 लाख रुपये तक आमदनी वालों को 20 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा. 12.50 लाख से 15 लाख रुपये की आमदनी वालों को 25 फीसदी  टैक्स देना होगा. वहीं जिनकी आमदमी 15 लाख रुपये से ज्यादा है, ऐसे लोगों को 30 फीसदी टैक्स देना होगा.

2020 में पेश किया गया था ये आयकर स्लैब:
0 से 2.5 लाख तक- 0%
2.5 से 5 लाख तक- 5%
5 लाख से 7.5 लाख तक-10%
7.50 लाख से 10 लाख तक- 15%
10 लाख से 12.50 लाख तक- 20%
12.50 लाख से 15 लाख-  25%
15 लाख से ऊपर आमदनी पर- 30 फीसदी

पुराना इनकम टैक्स स्लैब
2.5 लाख तक- 0%
2.5 लाख से 5 लाख तक- 5%
5 लाख से 10 लाख तक- 20%
10 लाख से ऊपर- 30%

ओल्ड टैक्स स्लैब में 5 लाख तक की आय पर किसी तरह का टैक्स नहीं देना होता था, इसमें इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80 के तहत डेढ़ लाख रुपए निवेश पर कर से छूट भी मिलती है. यानी इस टैक्स स्लैब में टैक्सपेयर को 6.50 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता. पुराने टैक्स स्लैब के हिसाब से ढाई लाख रुपये तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता. ढाई लाख से पांच लाख तक की आमदनी पर 5 फीसद का टैक्स लगता है, लेकिन सरकार इस पर 12,500 की छूट देती है. सीधा गणित यह है कि पुराने टैक्स स्लैब में 5 लाख तक की आमदनी पर आपको टैक्स नहीं देना पड़ता.

अगर आयकर नियमों की बात करें तो उस हिसाब से 5 लाख तक अगर आपकी सालाना कमाई है तो आपका टैक्स 12,500 रुपये बनता है, लेकिन सेक्शन 87A के तहत रिबेट मिल जाने से 5 लाख वाले स्लैब में आयकर भुगतान की दावेदारी जीरो हो जाती है.

गौरतलब है कि टैक्स से सरकार की सबसे बड़ी कमाई होती है, लेकिन सरकार कर लगाने के साथ ही नागरिकों को इस बात की भी पूरी सुविधा देती है कि वह कानूनी तौर-तरीकों का इस्तेमाल कर अपना टैक्स बचा सकें.  इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80C के तहत आप डेढ़ लाख का निवेश कर अपना टैक्स बचा सकते हैं.अगर आप अलग से नेशनल पेंशन स्कीम में 50,000 तक निवेश करते हैं तो सेक्शन 80CCD के तहत आपको इनकम टैक्स में 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट मिलती है.

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